रूपकुमारी चौधरी बनी महासमुंद लोकसभा की पहली महिला सांसद, लगातार चौथी बार भाजपा का लहराया झंडा, भारी बहुमत से की जीत दर्ज
1952 में पहली बार महासमुंद लोकसभा में हुआ सांसद का चुनाव, कांग्रेस के इस गढ़ को भाजपा ने अब बनाया अपना अभेद किला
मनोहर सिंह राजपूत(प्रधान संपादक)
महासमुंद। छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों में से 10 सीटों पर भाजपा ने अपनी फतेह हासिल की है। इसी कड़ी में महासमुंद लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी उम्मीद्वार रूपकुमारी चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को पछाड़ते हुए शिकस्त दी है। महासमुंद लोकसभा क्षेत्र क्रमांक 09 में भाजपा की रूपकुमारी चौधरी ने 1 लाख 45 हजार 456 वोटों से जीत हासिल की है। आपकी बता दें कि, मतगणना के पहले चरण से ही भाजपा की प्रत्याशी रूपकुमारी चौधरी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू से आगे ही रही है।
इस पूरे मतगणना में भाजपा की रूपकुमारी को जहां 7 लाख 03 हजार 659 मत मिले हैं, तो वही कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू को 5 लाख 58 हजार 203 वोट मिले है। इस तरह से रूपकुमारी चौधरी ने 1 लाख 45 हजार 456 वोटों के भारी बहुमत से जीत हासिल की है। शेष 15 प्रत्याशी अपनी जमानत भी नही बचा पाये हैं। गौरतलब है कि, महासमुंद लोकसभा में 17 लाख 62 हजार 477 मतदाता है। जिनमें से 13 लाख 22 हजार 122 मतदाताओं ने इस बार लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। महासमुंद लोकसभा में लगातार भाजपा की यह चौथी जीत है। रूपकुमारी चौधरी की जीत के बाद भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल देखने को मिला।
काउंटिंग सेंटर के बाहर से लेकर बीजेपी कार्यालय तक आतिशबाजी और नारे लगते नजर आए। जीत की खबर मिलते ही भाजपा जिला कार्यालय पहुंची रूपकुमारी का भाजपा विधायकों व पदाधिकारियों ने आतिशी स्वागत किया। फूल मालाओं के साथ नव निर्वाचित सांसद का स्वागत किया गया, मिठाइयां बांटी गई। नवनिर्वाचित भाजपा सांसद रूपकुमारी चौधरी ने अपनी जीत को जनता और कार्यकर्ताओं की जीत बताया। साथ ही केंद्रीय व राज्य नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा कि, जो जिम्मेदारी उसे जनता ने जीत दिलाकर सौंपी है उसे विकास के रास्ते वो पूरा करेगी। और लोकसभा के अंतर्गत आने वाले महासमुंद, गरियाबंद और धमतरी जिले की जो भी मांगें है उसे केंद्र के सामने रखकर पूरा करेंगी। इसके लिए वो पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
कुछ इस तरह रहा महासमुंद लोकसभा का इतिहास–
1952 में पहली बार सांसद का चुनाव हुआ। तब से लेकर 1977 तक इसमें कांग्रेस का कब्जा रहा। और 1952 में शेओदास डागा, मगनलाल राधाकिशन बागड़ी,
1962 से 67 में विद्या चरण शुक्ला, 1971 में कृष्ण अग्रवाल यहां सांसद रहे। 1977 में बृज लाल वर्मा जनता पार्टी से सांसद चुने गए। 1980, 84 में विद्या चरण शुक्ल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से सांसद रहे लेकिन 1989 में वे कांग्रेस से चुनाव न लड़कर जनता दल से चुनाव जीतकर सांसद चुने गए। जिसके बाद 1991, 1996 में पवन दीवान कांग्रेस से 1998 में चन्द्रशेखर साहू भाजपा से, 1999 श्यामा चरण शुक्ला कांग्रेस से, 2004 में अजीत जोगी भी कांग्रेस से सांसद निर्वाचित हुए। लेकिन 2009 से लेकर अब 2024 तक यह भाजपा का गढ़ बन गया है और भाजपा का यह अभेद किला नजर आ रहा। 2009, 2014 में लगातार चंदूलाल साहू 2 बार सांसद चुने गए। 2019 में यहां से चुन्नीलाल साहू सांसद बने और अब 2024 में यहां से रूपकुमारी ने भारी मतों से जीत हासिल की है। इसके साथ ही रूपकुमारी यहां की पहली महिला सांसद भी चुनी गई है।