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जिले के 245 स्कूल भगवान भरोसे, 234 एकल शिक्षकीय तो 11 शिक्षक विहीन, 233 स्कूल जर्जर, अनवरपुर के ग्रामीणों ने दी 20 जुलाई तक की चेतावनी, शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने पर सभी पालक निकलवा लेंगे बच्चों की टीसी

मनोहर सिंह राजपूत(एडिटर इन चीफ)

महासमुंद – महासमुंद जिले में लगातार शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षा व्यवस्था बदहाल होते हुए नजर आ रही है। जुलाई माह में जैसे ही स्कूलों में रौनक लौटी, वैसे ही जिले के अलग-अलग स्कूलों से शिक्षकों की कमी ने शिक्षा व्यवस्था पर विभाग के सामने सवाल खड़ा कर दिया है। ताजा मामला महासमुंद जिले की बागबाहरा ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला अनवरपुर से सामने आया है। जहां विगत 2 वर्षो से शिक्षको की कमी से स्कूल जूझ रहा है। शासकीय प्राथमिक शाला अनवरपुर की दर्ज संख्या 71 है। पिछले वर्ष इस स्कूल की दर्ज संख्या 79 थी, लेकिन शिक्षको की कमी और घटते शिक्षा स्तर को देखते हुए पालकों ने अपने बच्चो को प्राथमिक शाला अनवरपुर से निकाल कर दूसरे स्कूल में दाखिल करवा दिया है। ग्राम पंचायत अनवरपुर के जनप्रतिनिधि और पालक समिति के सदस्य लगातार शिक्षको की मांग के लिए ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी को मांग कर चुके है। वही पिछले सत्र में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का भी घेराव भी किया गया था। लेकिन इस स्कूल में अभी तक शिक्षको की कमी पूरा नहीं हो पाया है। इस स्कूल में एक शिक्षक के भरोसे स्कूल के 71 बच्चों का भविष्य है। इसके साथ ही इस एक शिक्षक को ही अपने स्कूली कार्य भी निपटाना होते हैं। जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इसे देखते हुए ग्रामीणों ने बच्चो के पढ़ाई के लिए गांव के ही एक शिक्षक को स्वयं के व्यय से पढ़ाने के लिए रखा है। लेकिन यह इस स्कूल की समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। गौरतलब हो की शिक्षको की कमी से जूझते प्राथमिक स्कूल अनवरपुर के 2 होनहार बच्चो का चयन एकलव्य स्कूल के लिए भी हुआ है। वही 1 बच्चे का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए हुआ है। ग्रामीणों ने कहा है कि, 20 जुलाई तक शासकीय प्राथमिक शाला अनवरपुर में शिक्षको की कमी को पूरा नहीं किया जायेगा, तो सभी पालक अपने बच्चो का टीसी निकलवाकर अपने बच्चो का दाखिला दूसरे स्कूल में करवा देंगे। गौरतलब है कि, शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 225 प्राथमिक शाला ऐसे हैं जो एकल शिक्षक के भरोसे है। वही 05 पूर्व माध्यमिक शाला और 04 हायर सेकेंडरी स्कूल भी एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। वहीं जिले के 11 स्कूल ऐसे हैं जो शिक्षक विहीन है। यही नहीं जिले के 233 स्कूल जर्जर हालात में है। ऐसे में सरकारी स्कूलों का यह हाल, जिले में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को प्रदर्शित करता है और शिक्षा विभाग के कार्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।

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Dhindora24 (Desk)

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