छत्तीसगढ़ के गवर्नर रमेन डेका ने महासमुंद जिला पंचायत में ली अधिकारियों की समीक्षा बैठक, बैठक में हुई कृषि विभाग की फजीहत?, कृषि विभाग के अधिकारी से गवर्नर ने पूछा 10 किसानों का नाम?, जिले के 10 किसानों का नाम तक नहीं बता पाए अधिकारी!, फील्ड में जाने गवर्नर ने दी समझाइश!
एसी चैंबरों में बैठकर अधिकारी कर रहे जिले में विभागीय कार्यों की मॉनिटरिंग? गवर्नर के सामने खुल गई पोल !
मनोहर सिंह राजपूत(एडिटर इन चीफ)
महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल रमेन डेका आज महासमुंद के एकदिवसीय दौरे पर रहे। महासमुंद पहुंचे गवर्नर डेका का शहर के न्यू सर्किट हाउस में स्थानीय विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, पूर्व राज्य मंत्री पूनम चंद्राकर, पूर्व विधायक डा विमल चोपड़ा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, कलेक्टर विनय लंगेह, पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह और जिला अधिकारियों ने स्वागत किया। साथी ही पुलिस के जवानों ने दिया महामहिम को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया। सर्किट हाउस से जनप्रतिनिधियों से मुलाकात करने के बाद महामहिम राज्यपाल रमेन डेका जिला पंचायत पहुंचे। जहां उन्होंने आकांक्षीय जिला होने के नाते जिला पंचायत के सभा कक्ष में अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान राज्यपाल ने जिले में संचालित विभागीय कार्यक्रम और योजनाओं की समीक्षा भी की।
कलेक्टर विनय लंगेह ने गवर्नर को पावर पॉइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जिले के भगौलिक स्थिति और क्रियान्वित कार्यों की जानकारी दी। बैठक में गवर्नर डेका ने सभी विभाग के अधिकारियों से बारी-बारी विभागीय कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान कृषि विभाग की जानकारी के दौरान अधिकारी गवर्नर को सही जानकारी नहीं दे पा रहे थे ! जिस पर गवर्नर ने उन्हें फील्ड में जाने का बात पूछा? अधिकारी के द्वारा फील्ड में जाने की बात कहने पर, गवर्नर ने उनसे जिले के 10 किसानों के नाम पूछ लिया, जिस पर अधिकारी हड़बड़ा कर रह गया और 10 किसानों के नाम तक नहीं गिना पाए ! जिस पर गवर्नर ने अधिकारी को फील्ड में जाकर काम करने की समझाई दी। मीटिंग में हुए इस वाक्या को लेकर सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर जब, ढिंढोरा24 की टीम ने, कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया। हालांकि यह पहली दफा नहीं है, इससे पहले भी जब कभी भी उनसे कोई विभागीय जानकारी के लिए कॉल किया जाए, तो साहब यो साहब है उनका रिस्पांस कुछ इसी तरह से रहता है। लेकिन उनका यह रवैया, आज छत्तीसगढ़ के गवर्नर के सामने धरा का धरा रह गया।