
महासमुंद। पूर्व संसदीय सचिव छ.ग. शासन व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि भाजपा की साय सरकार किसान हित के परियोजनाओं पर ध्यान ना देकर केवल उद्योगपतियों मित्रों के हितों को सर्वोपरि रख रहा है। गरियाबंद जिले के पैरी परियोजना अंतर्गत सिकासेर जलाशय से कोडार जलाशय तक पानी लाने की योजना पर अनावश्यक विलंब किया जा रहा है। वहीं, इसके विपरित उद्योगों को लाभ पहुंचाने वाली परियोजनाओं पर समय से पूर्व तीव्र गति से कार्य हो रहा है। पिकाडिली शराब फैक्ट्री तथा करणी कृपा पावर प्लांट को महासमुंद जिले के जल स्त्रोतों से सरकार द्वारा पानी ले जाने की स्वीकृति इस बात का प्रमाण है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि गरियाबंद के सिकासेर बांध से महासमुंद जिले तक पानी लाने की योजना पर शासन की उदासीनता से अनावश्यक विलंब हो रहा है। इस परियोजना के तहत सर्वे कार्य पूर्ण होने के बाद भी अब तक भू-अर्जन प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। इसके अलावा वन विभाग से इसके लिए एनओसी प्रक्रिया भी अधर में लटका हुआ है। श्री चंद्राकर ने बताया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने प्रस्तावित परियोजना की स्वीकृति तथा सर्व कार्य के लिए राशि का बजट में प्रावधान कराया था। कांग्रेस शासन के समय इस परियोजना को मिली स्वीकृति पर सर्वे कार्य हेतु बाद में बजट भी बढ़ाई गई। सर्वे भी पूरा कर लिया गया। लेकिन, किसान हित के इस परियोजना को अनावश्यक लटका कर रखा जा रहा है। इस परियोजना में अनावश्यक विलंब का एक कारण यह भी हो सकता है कि, इसे कांग्रेस शासन के समय स्वीकृति मिली थी। क्योंकि भाजपा सरकार का दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की नीति सर्वविदित है। कांग्रेसी शासनकाल में जितने भी जनहित की योजनाएं बनी थी, उन्हें भाजपा ने या तो पूरी तरह बंद कर दिया या भी योजनाओं का स्वरूप बदलकर उसे जनता से दूर कर दिया।
श्री चंद्राकर ने कहा कि वृहद सिंचाई परियोजना अंतर्गत एकमात्र कोडार जलाशय से खरीफ सीजन में करीब 23 हजार 472 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है। वहीं मध्यम सिंचाई परियोजना के अंतर्गत केशवा जलाशय से तीन हजार आठ सौ 46 हेक्टेयर में सिंचाई होती है। रबी सीजन में बांध खाली होने पर किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पाती। लिहाजा, किसानों की मांग पर श्री चंद्राकर ने गरियाबंद जिले के पैरी परियोजना अंतर्गत सिकासार जलाशय से नहरों के माध्यम से पानी महासमुंद जिले में लाने पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का ध्यानाकर्षित कराया था। बाद इसके प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट में सिकासार जलाशय से कोडार जलाशय तक नहर निर्माण के सर्वे के लिए राशि का बजट में प्रावधान किया। यदि इस योजना पर तीव्र गति से कार्रवाई होती है तो इसका लाभ महासमुंद जिले के किसानों को मिलेगा। यह परियोजना किसानों के लिए वरदान साबित होगी। लेकिन, भाजपा सरकार की प्राथमिकता किसान हित नहीं उद्योगपति मित्रों के हित है।
पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि किसानों के साथ सरकार को आम जनता से भी कोई सरोकार नहीं है। समोदा-अछोला समूह जल प्रदाय योजना को विफल करने की साजिश हो रही है। क्योंकि, पहले ही समोदा स्टॉप डेम से खरोरा के समीप अदानी के निजी पॉवर प्लांट को यहां से पानी दिया जा रहा है। उपर से पिकाडिली शराब फैक्ट्री को भी पानी देने की स्वीकृति देकर क्षेत्र के ग्रामों में पानी दिये जाने की योजना का सत्यानाश सरकार ने कर दिया है। समोदा बैराज का जलभराव क्षमता 29.91 एम.सी.एम है। रायपुर जिला के ग्राम खरोरा स्थित अडानी द्वारा संचालित एक संयंत्र को इसी बैराज के जलभराव कुल क्षमता के 19 एमसीएम पानी की आपूर्ति की जा रही है। शेष 10 एमसीएम पानी में से खरोरा नगर पंचायत को भी नल-जल योजना के तहत इसी बैराज से पानी दिया जा रहा है। शराब फैक्ट्री को पानी दिये जाने से हमारे महासमुंद विधानसभा क्षेत्र के 48 ग्रामों तक पानी कैसे पहुँच पाएगा? इस विषय पर सरकार को चिंता नहीं है।