दिल्ली हार्स शो : महासमुंद कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर के बेटे श्राव्य क्षीरसागर और श्रेयान क्षीरसागर सहित इन नन्हें घुड़सवारों ने छत्तीसगढ़ को दिलाया 5 गोल्ड सहित 21 मेडल, छत्तीसगढ़ का बढ़ाया मान
हार्स शो में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 5 गोल्ड, 6 सिल्वर और 10 कांस्य सहित कुल 21 पदक अपने नाम किया
महासमुंद(डेस्क) – 20 मार्च से लेकर 2 अप्रैल 2023 तक दिल्ली में, दिल्ली हार्स शो का आयोजन किया गया था। इस हार्स शो में छत्तीसगढ़ के नन्हें घुड़सवारों ने अपना लोहा मनवाया है। छत्तीसगढ़ के इन नन्हें प्रतिभागियों ने इस नेशनल टूर्नामेंट में 5 गोल्ड, 6 सिल्वर और 10 कांस्य समेत ओवरऑल चैंपियनशिप का भी गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के “ब्रेगो एंड हेक्टर एक्वेस्ट्रियन क्लब” ने इस हार्स शो में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 5 गोल्ड, 6 सिल्वर और 10 कांस्य सहित कुल 21 पदक अपने नाम किया है। इसके साथ ही इस टूर्नामेंट में ओवरऑल चैंपियनशिप का भी खिताब गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। बता दें कि, 20 मार्च से लेकर 2 अप्रैल 2023 तक आयोजित इस टूर्नामेंट में देशभर से 500 से ज्यादा हार्स राईडर्स ने हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ से महासमुंद कलेक्टर(IAS) नीलेश कुमार क्षीरसागर के बेटे श्राव्य क्षीरसागर और श्रेयान क्षीरसागर, IAS अफसर अवनीश शरण की बेटी वेदिका शरण ने भी जबरदस्त प्रदर्शन किया। टीम की ओर से वेदिका शरण, समायरा अग्रवाल, शिवेश अग्रवाल, श्राव्य क्षीरसागर, श्रेयान क्षीरसागर, कैवल्य अग्रवाल, चित्रभानु सिंह और जैवन्ता सिंह ने हिस्सा लिया। और अपनी टीम की ओर से प्रदेश को मेडल दिलाये। सीनियर राइडर्स चित्रभानु सिंह और जैवन्ता सिंह ने भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए Dressage & Show Jumping में गोल्ड मेडल हासिल किया है।
गौरतलब है कि, देश के सबसे प्रतिष्ठित हार्स शो में “दिल्ली हार्स शो” की पहचान है। इस प्रतियोगिता को 4 श्रेणियों में बांटा गया है। जिसमें सीनियर, यंग राइडर, जूनियर और बच्चों में इस टूर्नामेंट को विभाजित कर आयोजित किया जाता है। भाग लेने वाली टीमों और टुकड़ियों में सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस बल, राइडिंग क्लब, संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों के लोग शामिल होते हैं। दिल्ली हॉर्स शो 20वीं शताब्दी के शुरुआती भाग से अस्तित्व में है। आयोजकों ने बताया है कि, 1979 में इसे बंद कर दिया गया था। क्योंकि लाल किले के मैदान अब उपलब्ध नहीं थे, और इसके परिणामस्वरूप जनहित कम हो गया था। इस शो को 1986 में राष्ट्रपति एस्टेट पोलो क्लब के तत्वावधान में पुनर्जीवित किया गया था। और अब यह शो यहां आर्मी इक्वेस्ट्रियन सेंटर में आर्मी पोलो एंड राइडिंग सेंटर द्वारा आयोजित किया जा रहा है।