चुनावी दाताओं(नेताओं) के सांध्य कालीन पैकेज के इंतजार में बेसब्र हो रहे चुनावी कलाकार, नहीं हो रहा कुकरा-चेपटी का जुगाड़
शहर का छोरा, पिटे ढिंढोरा…चेपटी के जुगाड़ में प्रत्याशियों के घर अभी से पहुंचने लगे कलाकार
महासमुंद। अभी तक तो हम लोगों को छत्तीसगढ़ में ट्रेनों की लेट लतीफी से हलाकान होते देखा था, लेकिन महासमुंद जिले के ऐसे कलाकार जो खाने-पीने के शौकीन है। अपने अपने विधानसभा में प्रत्याशियों की घोषणा में हो रही देरी को लेकर हलकान परेशान है। खान-पान के विशेष शौकीन कार्यकर्ता तो मानो रोज प्रत्याशी लिस्ट जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। की कब दाता(नेता) का नाम लिस्ट में आए, और राशन कार्ड के हिसाब से कुकरा चेपटी का रोज का जुगाड़ आरंभ हो। अब जाकर ऐसे कलाकारों ने थोड़ी राहत की सांस ली जब भाजपा ने जिले के चारो विधानसभा में अपने पत्ते खोल दिये है। लेकिन कांग्रेस का लिस्ट नहीं आने से कुछ अभी भी मायूस है।
बातचीत में एक चुनावी कलाकार ने तो बताया कि, आए भदराय चुनावी मौसम में भी शाम के जुगाड़ के लिए अपनी जेब हल्की करनी पड़ रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्य हम कलाकारों के लिए क्या होगा। जिस तरह से जिले के चारों विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए बड़े-बड़े चुनावी दाताओं(नेताओं) का नाम सामने आ रहा है। किंतु घोषणाओं में हुई देरी को लेकर चुनावी मजा लूटने वाले चुनावी कलाकारों में भारी आक्रोश और नाराजगी का वातावरण दिख रहा है। ऐसे कुछ चुनावी कलाकारों का मानना है कि, भाजपा ने तो टिकट जारी कर दिया, लेकिन कांग्रेस ने अब तक घोषणा नहीं की है। जल्द घोषणा करें ताकि शाम के चुनावी पैकेज के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। और शाम होते ही गरूआ-बैला की तरह हम भी अपने-अपने निश्चित गौठानों में पहुंच जाए। अब देखना यह होगा कि, बेचारे चुनावी कलाकारों के सब्र का बांध कब तक बंधा रहेगा, यह तो हम भी अभी कह नहीं सकते।
आगे भी और अन्य मुद्दों को लेकर शहर का यह छोरा, पिटता रहेगा ढिंढोरा…