महासमुंद में BJP युवा मोर्चा के कार्यक्रम में नजर आई भाजपा से निष्कासित पार्षद मीना वर्मा, पार्टी के स्थानीय नेतृत्व में मचा बवाल, जानें कारण…
नगरपालिका महासमुंद के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष की कुर्सी गिराने और पार्टी विरुद्ध कार्यों में सम्मिलित होने के कारण भाजपा ने मीना वर्मा सहित कुल 8 पार्षदों को किया था 6 साल के लिए निष्कासित
महासमुंद : जिला मुख्यालय में भाजपा के स्थानीय नेतृत्व में पार्टी से निलंबित शहर के वार्ड क्रमांक-7 की पार्षद व पूर्व महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष मीना वर्मा द्वारा, पार्टी के कार्यों में सम्मिलित होने को लेकर बवाल मचा हुआ है। भाजपा के कार्यकर्ता अंदर ही अंदर मीना वर्मा की गतिविधियों को लेकर एक दूसरे से इसकी शिकायत कर रहे हैं। हालांकि अब यह मामला पार्टी के जिला स्तर के नेताओं तक पहुंच चुका है। स्थानी नेतृत्व को जिम्मेदार बताते हुए पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने इस बात को गलत ठहराया है। और इसकी शिकायत प्रदेश आलाकमान से करने की बात कही है।
दरअसल पूरा मामला यह है कि, आज बुधवार की शाम भाजपा युवा मोर्चा के द्वारा भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम के ऊपर झूठे व बेबुनियाद आरोप लगाने की बात को लेकर, शहर के बरौंडा चौक में मुख्यमंत्री का पुतला दहन कार्यक्रम रखा गया था। कार्यक्रम में भाजपा युवा मोर्चा के साथ ही महासमुंद शहर मंडल व महिला मोर्चा की कार्यकर्ताएं भी नजर आई। इस दौरान पुतला दहन के कार्यक्रम में भाजपा से निष्कासित शहर की वार्ड क्रमांक 7 की पार्षद मीना वर्मा भी शामिल रही। मीना वर्मा के पुतला दहन कार्यक्रम में आने को लेकर कार्यक्रम स्थल पर ही कार्यकर्ताओं में कानाफूसी शुरू हो गई थी। जो अब स्थानीय पार्टी नेतृत्व में बवाल मचा रही है। मीना वर्मा के पुतला दहन कार्यक्रम में आने की बात को लेकर महासमुंद नगर पालिका के पूर्व भाजपा अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने ढिंढोरा-24 से चर्चा करते हुए बताया कि, पार्टी ने पार्टी विरुद्ध कार्य करने की बात को लेकर नगर पालिका क्षेत्र के 8 भाजपा पार्षदों को 6 साल के लिए निष्काषित किया है। किसी भी पार्षद की पार्टी में वापसी नहीं हुई है। यदि बावजूद इसके उन्हें कार्यक्रम में सरिक किया जा रहा है तो यह गलत है। पार्टी के स्थानीय नेता इसके जवाबदार हैं। उन्हें जवाब देना होगा और वे इन बातों को लेकर प्रदेश आला कमान को भी अवगत कराएंगे और इसकी शिकायत करेंगे। वहीं इस मसले को लेकर महासमुंद भाजपा जिला अध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी ने ढिंढोरा-24 से चर्चा करते हुए बताया कि, अभी तक उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ढिंढोरा-24 के माध्यम से उन्हें निष्कासित पार्षद के कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी मिली है। उन्हें किसी ने बुलाया है, कि वह अपने से आई है, इस बात की वह पार्टी की बैठक में कार्यकर्ताओं से समीक्षा करेंगे। पार्टी के कोई भी कार्यकर्ता को यदि इससे आपत्ति है और वो इस बात की शिकायत करते हैं, तो उस पर भी संज्ञान लिया जाएगा। और प्रदेश आलाकमान को इससे अवगत कराया जाएगा।
इस कारण से भाजपा के 8 पार्षद हुए थे निष्कासित :-
महासमुंद नगर पालिका अंतर्गत नगर सत्ता में भाजपा का दबदबा था। प्रारंभिक चुनाव में नगर पालिका में भाजपा की ओर से पूर्व अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर कुर्सी पर काबिज थे। लेकिन 4 अगस्त 2022 को महासमुंद नगर सत्ता में बड़ा फेरबदल हुआ। भाजपा के पूर्व पार्षद प्रकाश चंद्राकर के विरुद्ध नगर पालिका में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। अविश्वास प्रस्ताव में प्रकाश चंद्राकर को 3 मत मिले थे, 20 हटाने के लिए मत पढ़ा था, एक अनुपस्थित रहा तो वही 6 रिजेक्ट हुआ था। बहुमत को देखते हुए नगर पालिका में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिसका 4 सितंबर को पुन: अध्यक्ष के लिए निर्वाचन प्रक्रिया पूरी कराई गई। इस दौरान भी बीजेपी को केवल 4 मत मिले, कांग्रेस के पक्ष में 20 मत पड़े, 5 रिजेक्ट हुआ तो वही एक अनुपस्थित रहा। कांग्रेस को बहुमत के आधार पर नगर सत्ता में जीत मिली, कांग्रेस की ओर से राशि महिलांग अध्यक्ष निर्वाचित हुई। और एक बार फिर भाजपा को पटखनी खानी पड़ी। जिसके बाद भाजपा के स्थानीय नेतृत्व में बवाल हुआ। इस बात को देखते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष के अनुशंसा पर प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी विरुद्ध कार्य करने के लिए नगर पालिका क्षेत्र के 8 भाजपा पार्षदों जिनमें वार्ड क्रमांक 7 की पार्षद मीना वर्मा, वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद मंगेश टाकसाले, वार्ड क्रमांक 20 के पार्षद महेंद्र जैन, वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद हाफिज कुरैशी, वार्ड क्रमांक 9 के पार्षद माधवी महेंद्र सिका, वार्ड क्रमांक 26 के पार्षद मनीष शर्मा, वार्ड क्रमांक 24 के पार्षद पवन पटेल, और वार्ड क्रमांक 21 के पार्षद मुन्ना देवार को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है।