
महासमुंद। नेशनल हाइवे में पिथाैरा के समीप ग्राम जामपाली में मवेशियों के कारण घटित दुर्घटना में एक ही परिवार के 3 लोगों की माैत पर शोक व्यक्त करते हुए पूर्व संसदीय सचिव छ.ग. शासन व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने इसे भाजपा सरकार द्वारा दुर्भावना पूर्वक गाैठानों को बंद करने का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि आज गाैठान बंद होने से नेशनल हाइवे सहित शहर से लेकर गाँवों के सड़कों में मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। जिसके चलते आए दिन गंभीर हादसे हो रहे हैं।
श्री चंद्राकर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ में गौवंश बदहाल है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार द्वारा संचालित गोधन न्याय योजना को बंद कर पशुओं को सड़क पर छोड़ दिया गया है। जिसके चलते आए दिन दुर्घटनाओं में गाैवंशों की मृत्यु तथा राहगीरों के साथ अप्रिय घटनाएं घटित हो रही है। एक तरफ किसान घुमंतु पशुओं से परेशान हैं, वहीं जिला मुख्यालय के सड़कों पर मवेशी जगह-जगह झुंड में बैठे रहते हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय गाैठानों में गाय, बैलों को रखकर उनके लिए चारा – पानी की व्यवस्था की जाती थी। गाय के गोबर से गाैठान संचालन समिति के लिए आय का जरिया बना था। लेकिन, भाजपा ने पूरी व्यवस्था बिगाड़ कर गाै वंशों को सड़क पर छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गाै वंशों की संरक्षण के लिए गाैठान जैसी बेहतरीन योजना लाकर गाै वंशों की सुरक्षा की। इस योजना के माध्यम से गोबर खरीदी, गाै मूत्र की खरीदी से गाै पालकों को अतिरिक्त आय का लाभ मिला। समूह की माताएं-बहनें वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर सशक्त हुई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 साल के कार्यकाल में गांव, गरीब, किसान की खुशहाली के लिए जो योजनाएं बनाई, वह सब भाजपा के आते ही बंद कर दी गई।
पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि भाजपा के साय सरकार ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं को दुर्भावना पूर्वक बंद कर िदया। भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में 10 हजार से अधिक गोठान बनाए थे। जिसमें से लगभग 8 हज़ार गोठान आत्मनिर्भर बन चुके थे। गौठान समिति और महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा चलायी जाने वाली योजना को संचालित करने में भाजपा सरकार नाकाम रही। अपने घोषणानुसार अब तक भाजपा की सरकार गौ अभयारण भी नहीं बना पाई। सड़कों में घूम रहे मवेशियों के कारण कभी गाै वंश तो कभी आम जनता को अपने जान से हाथ धोना पड़ रहा है।