महासमुंद के खरोरा स्थित शहीद स्मारक में मनाया गया विजय दिवस, अमर शहीदों की याद में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का हुआ आयोजन, देशभक्ति गीतों पर स्कूली बच्चों ने बांधा कार्यक्रम में समां
मनोहर सिंह राजपूत(एडिटर इन चीफ)
महासमुंद। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जिला इकाई महासमुंद के द्वारा सोमवार को विजय दिवस के अवसर पर सन 1971 की स्वर्णिम जयंती मनाई गई। इस अवसर पर पूर्व सैनिक संगठन के द्वारा महासमुंद के खरोरा स्थित शहीद स्मारक परिसर में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कोसा हैड क्वाटर के कर्नल राजेन्द्र मुतालीफ, कर्नल सुधीर नायक, कलेक्टर विनय कुमार और जिला सीईओ एस. आलोक, एएसपी प्रतिभा पांडेय शामिल हुए। इस दौरान सबसे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूवात की। जिसके बाद सभी ने अमर जवान स्मारक पर पुष्प और चक्र अर्पित कर अमर शहीद जवानों को याद किया। जिसके बाद अतिथियों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कार्यक्रम के दौरान शहीद पंकज चंद्राकर की धर्मपत्नी ज्योति चंद्राकर, शहीद प्रमोद कुमार पटेल की पत्नी किरण पटेल और शहीद गौतम पांडेय की धर्मपत्नी गायत्री पांडेय को वीर नारी सम्मान से नवाजा गया। साथ ही शहीद घनश्याम कन्नौजे के भाई केशव कन्नौजे का भी सम्मान किया गया। इस अवसर पर भूतपूर्व सैनिक संगठन के द्वारा सैन्य भर्ती के लिए दिए जा रहे प्रशिक्षण में प्रशिक्षण ले रहे छात्र शिवम शर्मा जिसका चयन अग्नि वीर के लिए किया गया है को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान फॉर्चून संस्था नेत्रहीन विद्यालय, गायत्री पब्लिक स्कूल, बचपन प्ले स्कूल, शिशु संस्कार स्कूल के बच्चों सहित कई कलाकारों के द्वारा देश भक्ति गीतों पर रंगारंग प्रस्तुति दी गई। जिससे पूरा कार्यक्रम देशभक्ति के रंग में भावविभोर हो उठा। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने बताया कि, 16 दिसंबर 1971 भारतीय सेना के शौर्य और गौरव का एक अनूठा दिन है। इस दिन भारतीय सेना ने बांग्लादेश का गठन किया और 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया। तब से लेकर आज के दिन अमर जवानों की याद में स्वर्णीम जयंती मानकर उन्हें याद किया जाता है। जो हमें जीवन में आगे बढ़ने और देशभक्ति की प्रेरणा देती है।