पोषण अभियान के तहत महासमुंद जिले के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का लिया जा रहा वजन, हाट बाजारों में भी पोषण अभियान की दी जा रही जानकारी
महासमुंद। महासमुंद जिले के शहरी परियोजना क्षेत्र के अंतर्गत पोषण माह अंतर्गत “सुपोषण से कोई बच्चा छूटे ना“ इसलिए पोषण अभियान को जोर-शोर से चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों के साथ ही निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का वजन लिया जा रहा है ताकि बच्चों के पोषण स्तर की सही जानकारी मिल सके और जिन बच्चों में पोषण की कमी हो, उनके लिए उचित कदम उठाए जा सकें। आज शहरी परियोजना अंतर्गत महासमुन्द के इमली भाठा, मे संचालित वृंदावन स्कूल में जाकर वजन लिए गए।
इसके अलावा, इस अभियान को व्यापक रूप से फैलाने के लिए एकता चौक, गुलशन चौक, इमली भाठा मे एवं स्थानीय हाट बाजारों में भी पोषण अभियान की जानकारी दी जा रही है। बाजार में आने वाले लोगों को सही पोषण, संतुलित आहार, और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस प्रकार से पोषण अभियान को आम जनता तक पहुँचाने की कोशिश की जा रही है ताकि हर बच्चा सुपोषित हो और किसी भी तरह की कुपोषण की समस्या से बचा सके।
इस दौरान परियोजना अधिकारी श्रीमती शैल नाविक ने पोषण और स्वास्थ्य पर जोर देते हुए बताया कि महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन 20 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है। यदि लंबे समय तक शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिलता, तो धीरे-धीरे कुपोषण के लक्षण उभरने लगते हैं। विशेष रूप से 18 से 35 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को अपने संतुलित आहार पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। विवाह के बाद महिलाओं की लगातार काउंसलिंग करने से उनके शरीर में खून की कमी का आकलन कर, उन्हें आवश्यक परामर्श दिया जा सकता है, ताकि खून की कमी न हो और स्वास्थ्य सही बना रहे। उन्होंने सब्जियों के महत्व को बताते हुए भाजी का नियमित सेवन करने की सलाह भी दी।
उन्होंने कहा कि बच्चों का संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार देना जरूरी है। बच्चों को सही समय पर भोजन कराएं और उन्हें भोजन में विविधता का अनुभव कराएं। नियमित रूप से तीन मुख्य भोजन और बीच-बीच में हेल्दी स्नैक्स दें।
अभियान के तहत बच्चों और उनके माता-पिता को पोषण के महत्व की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है। बच्चों का वजन लेकर उनकी पोषण स्थिति की जांच कर और यदि पोषण की कमी हो तो उसके लिए उपाय भी बताया जा रहा है। स्थानीय समुदाय को पोषण अभियान से जोड़कर इसे एक सामूहिक प्रयास बनाया जा रहा है। पोस्टर और बैनर के माध्यम से लोगों को समझाइश दी जा रही है। इस दौरान पार्षद देवीचंद राठी, राहुल चंद्राकर, सुजाता विश्वनाथन, परियोजना अधिकारी शैल नाविक, पर्यवेक्षक शीला प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, स्थानीय नागरिक शामिल हुए।